💟

Mood :-





माना हालात प्रतिकूल हैं, रास्तों पर बिछे शूल हैं
रिश्तों पे जम गई धूल है
पर तू खुद अपना अवरोध न बन
तू उठ…… खुद अपनी राह बन|
माना सूरज अँधेरे में खो गया है……
पर रात अभी हुई नहीं, यह तो प्रभात की बेला है
तेरे संग है उम्मीदें, किसने कहा तू अकेला है
तू खुद अपना विहान बन, तू खुद अपना विधान बन
सत्य की जीत हीं तेरा लक्ष्य हो
तू खुद सर्व समर्थ है, वीरता से जीने का हीं कुछ अर्थ है ||

(Random recall)







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